दिल ही तो है न संगो खिस्त(संगमरमर के पत्थर का टुकड़ा), दर्द से भर आए न क्यूँ
बिल्कुल यही एहसास हुआ जब रविवार की रात मैने देखा कलर्स टीवी पर प्रसारित होने वाला रीयल्टी शो 'इंडियाज़ गोट टेलैंट'।उस समय इस के एपिसोड का प्रसारण हो रहा था।
उस की थीम थी भारतीय सवतंत्रता दिवस जिस में प्रिंस डांस ग्रुप भी पहुँचा।इस ग्रुप की प्रस्तुति देखकर तो शो के जजों तक की आँखों में पानी आ गया था।सिर्फ जज ही नहीं मुझे यकीन है कि इस कार्यक्रम को देख रहे लगभग सभी दर्शकों के हाव भाव प्रिंस डांस ग्रुप की प्रस्तुति के बाद ऐसे होंगे।
इस के पीछे कारण ये है कि इस डांस ग्रुप में दो विकलांग भी शामिल हैं जिन्होंने जी तोड़ मेहनत करके आकर्षक प्रस्तुति दी।इस ग्रुप में शामिल नौजवान भारतीय राज्य उड़ीसा के बेगमपुरा से ताल्लुक रखते हैं तथा आम मज़दूर वर्ग का प्रतिनिध्त्व करते हुए ये ग्रुप इस स्तर तक पहुँचा।
इस ग्रुप ने जो प्रस्तुति दी वो आम भारतीयों की एकता को प्रदर्शित करती है।वो प्रदर्शित करती है कि हम भारतीय धर्म, जाति, रंग तथा वर्ण के भेद पर बंटने वालों में से नहीं है।ठीक है कि रीयल्टी शोज़ के जजों का सारा भाषण रटा रटाया रहता है मगर इतवार को जो देखा उस में कहीं पर भी ऐसा नहीं लगा कि ये जज जो इस ग्रुप की प्रस्तुति के विशलेष्ण के लिए बैठे हैं उनके हाव-भाव कहीं से भी कृत्रिम नहीं दिखाई दिए।
वहां लगभग भारत के हर कोने के, हर वर्ग के लोगों ने प्रस्तुति दी।इन्हें देख कर खास करके प्रिंस डांस ग्रुप को देख कर लगा कि कसाब जैसे आतंकीयों, उस के आकाओं और भारत को नेस्तोनाबूद करने की सोच रखने वालों को ये प्रोग्राम अवश्य ही देखना चाहीए ताकि उन्हें तो मालुम पड़े कि भारत के हर कोने के लोगों में इतना शारीरिक सामर्थ्य है कि वो उनकी कुटिल चालों को नेस्तोनाबूद करते हुए अपने हौंसले बुलन्द रखेंगे कयोंकि भारत के बारे में अक्सर ही कहा जाता है
'ये दिल वालों की बस्ती है, ये बस्ते बस्ते बसती है।
गम को खुशी में ढाल दे जो, भारत की ऐसी हस्ती है।।"
united u stand divided u fall
ReplyDeleteबढिया आलेख. आभार.
ReplyDeleteचिट्ठाजगत में आपका स्वागत है.......भविष्य के लिये ढेर सारी शुभकामनायें.
कृप्या ये word verification हटा दें...टिप्प्णी करने में आसानी होती है.
गुलमोहर का फूल
आप की रचना प्रशंसा के योग्य है . आशा है आप अपने विचारो से हिंदी जगत को बहुत आगे ले जायंगे
ReplyDeleteलिखते रहिये
चिटठा जगत मे आप का स्वागत है
गार्गी
bilkul sach kaha aapne
ReplyDeleteVividhta me ekta ka isse bada udharan aur kya hoga.
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